- स्व्तंत्रता उपरांत सविधान में अनुछेद 312 में अखिल भारतीय सेवाओं तथा अनुछेद 315 में संध लोक सेवा आयोग की स्थापना का प्रावधान किया गया
- 1950 में लागुसाविधान में इंडियन सिविल सर्विस ICS का स्थान भारतीय प्रशासनिक सेवा IAS ने लिया
- पूर्वर्ती इम्पीरियल पब्लिक सर्विस कमीशन IPSC का स्थान संध लोक सेवा आयोग UPSC ने ले लिया
- अनुछेद 16 के अनुरूप खुली प्रतियोगिता प्रणाली अपनायी गयी
- आजादी के समय यधपि अखिल भारतीय सेवा को लेकर काफी विवाद हुआ परन्तु सरदार पटेलके प्रभावशाली विचार के उपरांत दो अखिल भारतीय सेवाओं मान्यता दी गए
- भारतीय प्रशासनिक सेवा
- भारतीय पुलिस सेवा
- 1961 ई में राज्य सभा ने एक प्रस्ताव पारित कर तीन नै अखिल भारीय सेवाओं भारतीय वन सेवा भारतीय अभियांत्रिक सेवा तथा भारतीय चिकित्सा व् स्वास्थ्य सेवा को गठित किये जाने का प्रावधान किया किन्तु अखिलभारतीय सेवा अधिनियम 1951 से 1963 में किये गए संशोधन के परिणामस्वरूप 1 जुलाई 1966 को भारतीय वन सेवा को नयी अखिल भारतीय सेवा के रूप में गठित किया गया
- वर्तमान समय में भारत प्रशासन के विभिन्न स्तरो पर भारतीय सेवा केंद्रीय सेवा राज्य सेवा तथा स्थानीय सेवोअपना कार्य कर रही है
अखिल भारतीय सेवा
- इस सेवका गठन अनुछेद 312 के द्वारा राज्य सभा द्वारा उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के 2 /3 बहुमत से पारित के आदर पर किया जाता है यह सेवा केंद्र व् राज्य दोनों के लिए होती है इसके अधिकारियों की भर्ती व् परिक्षण का दायित्व केंद्र सरकार का होता है
- संवर्ग प्रणाली केडर के अनुसारिस्के अधिकारियो को सम्बंधित राज्य केदार में कार्यरत होना पड़ता हैंअवधि प्रणाली (टेन्योर सिस्टम ) के अंतर्गत इसके अधिकारियों को एक निर्धारित अवधि के लिए केंद्र स्तर पर कार्य करना होता है
- राज सरकार इसके ाधियारियो का निलंबन तो कर सकती है पर उनकी बरखैगी का अधिकार उनके पास नहीं है
- भारत में वर्तमान में तीन अखिल भारतीय सेवाएं है
- भारतीय प्रशासनिक सेवा IAS
- भारतीय पुलिस सेवा IPS
- भारतीय वन सेवा IFS
- सविधान के अनुच्छेद 312 (2 )में केवल दो ही अखिल भारतीय सेवाओं भारतीय प्रशासनिक सेवा व् भारतीय पुलिस सेवा का उल्लेख है
- अनुच्छेद 312 (3 )व् 312 (4 ) में अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के गठन का प्रावधान है
- भारतीय प्रशासनिक सेवा के 25 झ पद राज्य प्रशासनिक सेवाओं के ाड़खिकरियो की पदोनति से भरे जाते है
- इन सेवाओं का नियमन अखिल भारतीय सेवा अधिनियम 1951 के तहत होता है
- अखिल भारतीय सेवाओं का प्रधान और नियंत्रण कार्य केंद्र सरकार के तीन अलग अलग मंत्रालयों द्वारा किया जाता है
- आई ए एस - कार्मिक मंत्रालय द्वारा
- आई पी एस - गृह मंत्रालय द्वारा
- आई एफ एस - पर्यावरण तथा वन मंत्रालय द्वारा
- अखिल भारतीयसेवओ की आलोचना
अखिल भारतीय सेवाओं की ये आलोचना की गयी
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