मेने और मेरे दोस्त ने भानगढ़ की कई कहानियाँ सुनी है। और लोगो की माने तो भानगढ़ इंडिया की सबसे डरावनी जगह है वहा सूरज ढलने के बाद अंदर जाना कानूनन मना है
कहते है इस किले में राजकुमारी रत्नावती रहती थी जिसकी खूबसूरती की चर्चा दूर दूर तक की जाती थी किले के पास एक सिन्हायी नाम का तांत्रिक रहता था। जो राजकुमारी की सुंदरता से मंत्रमुग्ध हो गया, और किसी भी कीमत पर राजकुमारी को हासिल करना चाहता था। एक बार राजकुमारी अपनी सहेलियों के साथ बाजार में इत्र खरीदने के लिए निकली। उस तांत्रिक ने यह देखा और इत्र में काले जादू की मदद से ऐसा कुछ मिलाया जिसे लगा कर राजकुमारी उसके वश में हो जाती।
किसी नगरवासी को इसकी भनक लग गयी और उसने राजकुमारी को जा कर सब बता दिया। यह सुनकर राजकुमारी ने वह इत्र की बोतल महल के बहार फेक दी, और वो चट्टान पर जा गिरी। काले जादू के कारण वो चट्टान उस तांत्रिक की आकर्षित हुयी और उससे कुचल डाला। अपनी आखरी सांसे लेते हुए उसके पूरे भानगढ़ को एक श्राप दिया - भानगढ़ अब कभी सुखी नहीं रह पायेगा , और यहाँ जो कोई भी निवास करेगा वो सब मारे जाएंगे।
उसके कुछ दिनों बाद मुग़ल योद्धाओ ने भानगढ़ में घुस कर उस पर कब्ज़ा कर लिया। इस लड़ाई में 10000 लोग मारे गए। जिसमे कई औरते और छोटे बच्चे भी शामिल थे। राजकुमारी रत्नावती को उन्ही के कमरे में घुस कर मार दिया गया था। कहानियो की माने तो आज भी उन लोगो की आत्माये घूमती है और जो भी इंसान सूरज ढलने के बाद वहा गया है वो कभी वापस नहीं लौटा।
हमने सोचा की क्यों न इस सचाई का पता लगाया जाए तो हम कुछ दोस्तों के साथ भानगढ़ गए और करीब रात 8 बजे गार्ड को पैसे दे कर हम अंदर गए। अंदर घुसते ही कुछ ऐसा लगा की जैसे हवा रुक गयी हो और एक अजीब सी घुटन हो रही थी। हमने किले के एक दो चक्कर लगाए , लेकिन हमे कही कुछ भूतिया नहीं लगा। मुझे एक जरुरी कॉल करना था और नेटवर्क के चक्कर में किले के दूसरी तरफ चला गया। जैसे ही मेने कॉल मिलाया मुझे किसी लड़की की चीखने की आवाज़ सुनाई दी और में भाग कर अपने दोस्त के पास पंहुचा वो वहा था ही नहीं। मेने उससे काफी आवाज लगायी--------------------
पर कोई जवाब नहीं आया तब ही मुझे ऊपर के कमरे से थम करके एक आवाज़ आयी तो में उस तरफ चलने लगा। जैसे ही में सीढिया चढ़ रहा था वैसे ही मुझे पायल की छन -छन की आवाज सुनाई दी। मुझे लगा की एकदम से कोई लड़की भागी। मुझे काफी ज्यादा दर लगने लगा था।
मेने फिर अपने दोस्त को आवाज लगायी ---------------------------
तभी मुझे एक कमरे की खिड़की की तरफ मेरा दोस्त खड़ा दिखा। उससे देख कर मेरी जान में थोड़ी सी जान आयी। मैने मेरे दोस्त को कहा यार हम यहाँ गलत आ गए चल यहाँ से मुझे डर लग रहा है। लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। मैने जैसे ही उसका हाथ पकड़ा वैसे ही मुझे पीछे से मेरे दोस्त की आवाज सुनाई दी। मेने देखा की मेरा दोस्त तो अभी दरवाजे से आया है और मेने जिसका हाथ पकड़ा वो कोई और है तो मेरी पूरी तरह से हालत ख़राब हो गयी मेने जैसे ही उसका हाथ छोड़ा उसने मेरी तरफ देखा। मैं डर के मारे जमीन पर गिर पड़ा मेरे दोस्त ने मुझे उठाया और हम भागे भागे वहा से निकले।
मेने दोस्त को बताया की मेरे साथ क्या क्या हुआ। दोस्त ने भी किसी लाल साड़ी वाली औरत का जिक्र किया हम वहा से बच कर घर तो आ गए लेकिन उस दिन के बाद हम भानगढ़ की कहानी को कभी नज़रअंदाज़ नहीं करते और ना ही किसी को वहा जाने की सलाह देते है -------------------------
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