शाला मानचित्रण
परिचय - स्थानीय स्तर पर उपलब्ध भौतिक एवं मानवीय संसाधनों की उपस्थिति को दर्शाने हेतु आलेखीय निरूपण किया जाता है तो उसे मानचित्रण कहा जाता है और यदी ऐसा ही विद्यालय के सन्दर्भ में किया जाए तो इसे शाला मानचित्रण कहा जाता है
इतिहास
शाला मानचित्रण का शुभारम्भ 1963 में फ़्रांस में किया गया
भारत में शाला मानचित्रीकरण की शुरुवात यूरोपीय देश स्वीडनके सहयोग से 1992 में लोक जुम्बिश परियोजना के आदर पर की गयी
सरकार द्वारा इस योजना को 2004 में समाप्त करके SSA सर्व सीखा अभियान में मिला दिया गया
निर्माण
इसका निर्माण ग्राम शिक्षा समिति द्वारा किया जाता है जिसके कम से कम 6 सदस्य तथा अधिकतम 22 सदस्य होतेहै
उद्देश्य
जनसभागिता प्राप्त करने के लिए
6 -14 वर्ष के बालको को सीख्शा से जोड़ने हेतु
नामांकन व् ठहराव सुनिश्चित करने के लिए
शैक्षिक नियोजन के लिए
शिक्षा से वंचित बालको को शिक्षा सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संसथान DIET
परिचय;- 1986 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति में यह सिफारिश की गयी की प्रत्येक जिला स्टार पर शिक्षण तथा प्रशिक्षण को बढ़ावा देने हेतु शिक्षा एवं प्रशिक्षण इकाई का निर्माण किया जाए।
- इसी बात को ध्यान में रखते हुए आचार्य राममूर्ति समिति की सिफारिश पर 1988 में प्रत्येक जिला स्तर पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना का निर्णय लिया गया
- आचार्य रायमूर्ति समिति की सिफारिश पर ही एक पिंक बुक का निर्माण किया गया जिसमे बालिका शिक्षा के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाया गया
नोट -मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा DIET को लाइट हॉउस ऑफ़ एजुकेशन की संज्ञा की गयी
DIET की संरचना
-DIET में विभिन प्रकार के कार्यो को करने हेतु 8 विभाग स्थापित किये गए
DIET के कार्य
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संसथान DIET
परिचय;- 1986 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति में यह सिफारिश की गयी की प्रत्येक जिला स्टार पर शिक्षण तथा प्रशिक्षण को बढ़ावा देने हेतु शिक्षा एवं प्रशिक्षण इकाई का निर्माण किया जाए।
- इसी बात को ध्यान में रखते हुए आचार्य राममूर्ति समिति की सिफारिश पर 1988 में प्रत्येक जिला स्तर पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना का निर्णय लिया गया
- आचार्य रायमूर्ति समिति की सिफारिश पर ही एक पिंक बुक का निर्माण किया गया जिसमे बालिका शिक्षा के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाया गया
नोट -मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा DIET को लाइट हॉउस ऑफ़ एजुकेशन की संज्ञा की गयी
DIET की संरचना
-DIET में विभिन प्रकार के कार्यो को करने हेतु 8 विभाग स्थापित किये गए
- सेवा पूर्व शिक्षक शिक्षा विभाग - DIET का यह विभाग BSTC के संचालन का कार्य करता है
- कार्यानुभव विभाग - DIET के इस विभाग द्वारा शिक्षण व् प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन करवाया जाता है तथा इस प्रकार के शिक्षण व् प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें कार्यानुभव प्रमाण पत्र जारी किया जाता है
- जिला सन्दर्भ इकाई विभाग -DIET के इस विभाग द्वारा अन्य विभाग में समनवय स्थापित करके जिला स्तर पर प्रौढ़ शिक्षा या अनौपचारिक शिक्षाओं का आयोजन किया जाता है
- सेवारत शिक्षण प्रशिक्षण विभाग -DIET का यह विभाग जिला स्तर पर सेवारत अध्यापको को शिक्षण प्रशिक्षण देने हेतु विभन्न प्रकार के कार्यकर्म आयोजन करता है
- पाठ्यकर्म सामग्री विकास व् मूल्याङ्कन विभाग - DIET के इस भाग द्वारा प्रारंभिक शिक्षा से संभंधित पाठ्यकर्म निर्माण शिक्षण सहायता सामग्री का निर्माण व् जिला सन्दर्भ इकाई के साथ मिलकर समग्र विकास पर बल देना एवं मूल्याङ्कन गतिविधिया का आयोजन करना है
- शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग - इस विभाग के माध्यम से शिक्षा में तकनिकी उपयोगिता पर बल दिया जाता है साथ ही साथ शिक्षा में हुए नवाचारों को जिला स्तर पर व्यवस्थित करना है
- आयोजन एवं प्रबंधन विभाग - DIET का यह विभाग समस्त जिलों में प्रारंभिक शिक्षा को आयोजित करवाने तथा उनका व्यवस्थित रूप से प्रबंधन करने का कार्य करता है
- प्रशासनिक विभाग - DIET का प्रशासनिक विभाग सबसे प्रमुख विभाग मन जाता प्रमुख प्रिंसिपल होता है जो DEEO डिस्ट्रिक्ट लीमेंट्री एजुकेशन ऑफिसर के समकक्ष होता है
- प्रशिक्षण देना
- प्रारंभिक 1 -8 शिक्षा संस्थाओ या नोडल्स स्कूल को परामर्श व् सहायता डीन
- प्राथमिक व् उच्च प्राथमिक शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देना
- अनुसन्धान व् विस्तार सेवा का कार्य करना
- प्राम्भिक शिक्षा स्तर पर शिक्षण प्रशिक्षण सामग्री का विकास करना
- कक्षा 5 व् 8 की परीक्षाओ का मूल्यांकन कार्य करना
- माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की जिला स्तरीय नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करना
- अनौपचारिक शिक्षा एवं प्रौढ़ शिक्षा के कार्यकर्ताओ को उसके शैक्षिक उत्तरदायित्वों के प्रति जागरूकता करना
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