9 दिन तक चलने वाले शारदीय नवरात्र नवरात्रों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है शास्त्रों में मां दुर्गा को शक्ति की देवी का जाता है इसीलिए दुर्गा पूजा का यह पर्व शक्ति का प्रतीक माना जाता है। मां दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए मां के भक्तों 9 दिनों में अखंड ज्योत जलाते है। माता की चौकी का आयोजन करते हैं इस नवरात्रि के पहले दिन यानी शनिवार के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग में कलश की स्थापना की जाएगी जो की मां को प्रसन्न करने के लिए बेहद शुभ योग है यदि आप इस योग में विधि पूर्वक मां की आराधना और कलश की स्थापना करते हैं तो मां प्रसन्न होकर आपको सुख समृद्धि का वरदान और आपकी झोली खुशियों से भर देंगी।
घट कलश स्थापना का मुहूर्त होगा 17 अक्टूबर प्रातः काल 6:27 से 10:13 तक
घट स्थापना अभिजीत मुहूर्त होगा 17 अक्टूबर प्रातः काल 11:44 से 12:29 तक
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ होगी 17 अक्टूबर प्रातः 1:00 बजे से प्रतिपदा तिथि समाप्त होगी 17 अक्टूबर रात्रि 9:08 पर। कलश स्थापना विधि नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है।
कलश स्थापना को घटस्थापना भी कहते हैं नवरात्रों की शुरुआत इसी दिन से होती है यदि आप मां का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो घर या कलश स्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करनी चाहिए। कलश स्थापना में इस बात का विशेष ध्यान रखें की रात के समय और अमावस तिथि में घटस्थापना नहीं करनी चाहिए। शास्त्रों में कलश स्थापना के लिए जो तिथि सबसे शुभ बताई गई है वह है प्रतिपदा तिथि इसके अलावा कलश स्थापना का शुभ अभिजीत मुहूर्त माना गया है
पहले दिन विधि अनुसार घट स्थापना करने के लिए 1 दिन पूर्व ही या पूजा की सभी सामग्री अपनी श्रद्धा अनुसार एकत्रित कर ले। उसके बाद नवरात्रि के पहले दिन स्नान के बाद पूजा स्थल को स्वच्छ कर एक चौकी पर गंगाजल छिड़क कर उसे भी सुंदर कर ले। और उस पर लाल कपड़ा बिछाया अब मां दुर्गा की प्रतिमा इस चौकी पर स्थापित करें अब कलश स्थापना या घट स्थापना के लिए मिट्टी के पात्र में मिट्टी और तेल डालकर उसमें 7 तरह के अनाजों डाले। तांबे का एक लोटा ले और उस पर रोली से स्वास्तिक बना लें और लोटे के ऊपरी भाग में मौलिक कलवा बांध दें।
अब इस लोटे में गंगा जल मिलाकर जल डालकर उसमें पान सुपारी अक्षत हल्दी की गांठ रुपया अक्षत व दूध डालकर ,अशोक या आम के पांच पत्ते लगा लें, इसके बाद एक नारियल ले और नारियल को लाल चुनरी से लपेट कर कलश के ऊपर रख दें। ध्यान रखें कि कलश के ऊपर एक बर्तन में चावल भरकर उसके ऊपर ही नारियल की स्थापना करें। अब व्रत का संकल्प लेकर गणपति व मां दुर्गा का स्मरण कर मां दुर्गा को लाल वस्त्र लाल फूल लाल चुनरी और श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित कर धूप दीप जलाएं और विधि पूर्वक 9 दिन तक मां भगवती का पूजन दुर्गा सप्तशती का पाठ करके कन्या पूजन करें।
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