सोनू सूद ने अपने टीवी इंटरव्यू में बताया की ' मजदुर वो लोग है जिहोने हमारे घर बनाये , सड़के बनाई ,जहा हम शूटिंग करते है वो सब उन्होंने बनाया है और आज हमने उनको सड़को पर छोड़ दिया है, उनके बच्चो के साथउनके माता पिता के साथ , तो मुझे ऐसा देख कर लगा की हम इनको देख कर अफ़सोस नहीं मानना चाहिए बल्कि उनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए , उन्होंने बताया की जब हम लोगो को खाना खिला रहे थे तो हमने एक परिवार को पैदल जाते हुए देखा और उनसे पूछा की आप कहा तक पैदल जाओगे तो उन्होंने बताया की 700 किलोमीटर तक पैदल जाएंगे तब मेरे मन में ये ख्याल आया की क्यों न इनकी मदद करके इनको इनके घर पहुंचने में की जाए '
फिर उन्होंने सरकार से अनुमति ले कर पहली बार 350 लोगो को कर्नाटक भेजा। सोनू सूद ने अलग अलग राज्यों की सरकारों से अनुमति ले कर कई हजार प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाया। अभी भी यह प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचने में निरंतर लगे हुए है।
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