Looking For Anything Specific?

header ads

भारतीय झंडे का विकास (making of the Indian National Flag)

भारतीय झंडे का विकास (making of the Indian National Flag)



  1. 7 अगस्त 1906 को यह कांग्रेस झंडा एस एन बनर्जी ने कोलकाता में फहराया इस झंडे की तीन पत्तियां हरी हरी हरी पीली और गहरी लाल रंग की थी झंडे पर आठ सफेद कमल के फूल सूर्य का चिन्ह एक चांद तारा और वंदे मातरम के शब्द अंकित थे। 
  2. 1907  में यह झंडा मैडम कामा ने पेरिस में फहराया यह झंडा लगभग पहले जैसा ही था केवल इतना ही अंतर था कि इसमें एक कमल का फूल और 7 तारे  थे। 
  3. 1916 में यह होमरूल झंडा मिसेज एनी बेसेंट ने फहराया। इस झंडे में पांच लाल और चार हरी पट्टीया ,सात तारे और एक कोने में छोटा यूनियन जैक झंडे का चिन्ह अंकित था। 
  4. 1921 में यह कांग्रेस झंडा महात्मा गांधी ने प्रस्तुत किया इसमें सफेद और लाल रंग की तीन पट्टिया तथा चरखे का चिन्ह अंकित था। 
  5. 1931 में प्रस्तावित कांग्रेस झंडे का रंग केवल भगवा था और इसमें चरखे का चिन्ह अंकित था। 
  6. 22 जुलाई 1947 को यह झंडा भारतीय विधानसभा में अपनाया। इस चरखे  के स्थान पर सम्राट अशोक का धर्म  चक्र अंकित है। 

राष्ट्रीय ध्वज (National flag)

 राष्ट्रीय ध्वज है जिसमें सबसे ऊपर के मध्य में सफेद तथा नीचे हरे रंग की प्रतियां जुड़ी हुई है ध्वज की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात है 3 :2  ,मध्य मे सफ़ेद पट्टी पर  नीले रंग का चक्र है तो सारनाथ अशोक स्तंभ के शीर्ष फलक  से लिया गया है. इसका विन्यास लगभग सफ़ेद पट्टिका की चौड़ाई के बराबर है तथा इसमें 24 तीलिया है 
                                इसका यह रूप संविधान सभा में 24 जुलाई 1947 को स्वीकार किया गया था और इसका प्रयोग तथा प्रदर्शन ध्वज संहिता के अनुसार ही किया जा सकता है सरकार ने 2002 में फ्लैग कोड ऑफ इंडिया कानून बनाया ,जो 26 जनवरी 2002 से लागू किया गया इस कानून में सरकार ने नियमों के निर्देश दिए इस नए नियम के अनुसार साधारण जनता निजी संस्थाएं शैक्षिक संस्थाएं ध्वजारोहण कर सकती है 

राष्ट्रीय ध्वजारोहण के निर्देश ( Guidelines about Hoisting the National Flag )

  • राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाए उस को सम्मान देना चाहिए 
  • कटा फटा और अस्त-व्यस्त को कभी नहीं फहराना चाहिए 
  • राष्ट्रीय ध्वज को जानबूझकर न  तो उल्टा फहराना चाहिए और न ही धरती पर और फर्श को छूना चाहिए और ना ही पानी को छूना चाहिए 
  • किसी भी व्यक्ति के सम्मान में ध्वज को नीचे नहीं करना चाहिए किसी भी प्रकार के कपड़े में तथा किसी भी वस्तु को लाने व देने में राष्ट्रीय ध्वज का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए अपने लाभ के उद्देश्य से राष्ट्रीय ध्वज का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए 
  • खेल और सांस्कृतिक आयोजनों में प्रयोग में लाए गए पाबूजी ध्वज को आयोजन के पश्चात फाड़ना तथा जमीन पर फेंकना नहीं चाहिए

Post a Comment

0 Comments