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एक महारानी जो बनी राजमाता : गायत्री देवी

नमस्कार  फ्रेंड्स आज हम हमारे ब्लॉग मैं ऐसे महारानी की कहानी बता रहे है जिनकी खूबसूरती की चर्चा दुनिया भर मैं आम रहती थी।
 नायाब खूबसूरती की मल्लिका , जिनका था शाही व्यक्तित्व ,एक शानदार  पोलो खिलाडी, अमिताभ बच्चन भी है जिनके मुरीद। 
ऐसे तो दुनिया भर मैं बहुत रानी महारानियाँ पैदा हुयी जिन्होंने अपनी खूबसूरती व्यक्तित्व से लोगो का ध्यान अपनी और खींचा।  लेकिन उनसब मे एक ऐसा नाम जो सबसे अलग था वो नाम था जयपुर की महारानी गायत्री देवी का। जो राजमाता के नाम से भी जानी जाती थी। 

गायत्री देवी का जन्म 23 मई 1919 को लंदन मैं हुआ था।
ऐसा कहा जाता है की गायत्री देवी 3000 करोड़ की मालकिन थी। इनके पिता  महाराजा जीतेन्द्र नारायण कूच बिहार के राजा थे और इनकी माता इंद्रा राजेबरोडा की मराठा राजकुमारी थी।  गायत्री देवी की पढाई शांतिनिकेतन ,और  स्विट्ज़रलैंड मैं  हुयी। बचपन से उनको खेलकूद का बहुत शोक था कहा जाता है की गायत्री देवी बहुत अच्छी पोलो खिलाडी थी। इनको कारो और शिकारों का भी बहुत शोक था।  गायत्री देवी ने अपना पहला शिकार 12 वर्ष की उम्र मैं किया। 
 
9 मई 1940 मैं सवाई मानसिंह द्वितीय से इनका विवाह  हुआ। जिसके बाद वो जयपुर की तीसरी महारानी बनी थी। 
शादी के समय गायत्री देवीकी उम्र 21 वर्ष थी। 1949 मैं उनको राजमाता का दर्जा मिला। 
एक फेमस मेगज़ीन ने गायत्री  देवी को दुनिया की सबसे खूबसूरत माहिलाओ मैं शामिल किया। 
साल 1962 मैं सी. राजगोपालचार्य की स्वन्त्र पार्टी की और से राजनीति मैं कदम रखाऔर वो जयपुर से संसद बनी।  साल 1976 मैं उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया। 
सांसद, राजनेत्री , और महारानी होने केअलावा गायत्री देवी एक समाज सेविका भी थी। 
उन्होंने जयपुर मैं कई स्कूल कॉलेज भी खुलवाए। 
29 जुलाई 2009 को 90 वर्ष की उम्र मैं गायत्री देवी ने दुनिया को अलविदा कहा। 


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